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डॉ. राकेश शर्मा

डॉ. राकेश शर्मा

हिंदी भाषा प्रौद्योगिकी के साथ-साथ अनुवाद और प्रायोगिक हिंदी के क्षेत्र में डॉ. राकेश शर्मा ने कम समय में स्वयं को स्थापित किया है। आप ने यूजीसी-नेट होने के साथ-साथ पी-एच.डी की उपाधि हिंदी साहित्य से प्राप्त की है तथा अनुवाद एवं पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा भी विशेष सम्मान के साथ प्राप्त किया है । इन्हें अपने उत्कृष्ट हिंदी आलेख के लिए माननीय राष्ट्रपति महोदय के करकमलों से वर्ष 2014 में “विशिष्ट राजभाषा पुरस्कार' डॉ. राकेश शर्मा से तथा इनकी पुस्तक "राजभाषा हिंदी : विकास के विविध आयाम" के लिए इन्हें उप-राष्ट्रपति महोदय के करमकलों से वर्ष 2018 में "राजभाषा गौरव सम्मान" से सम्मानित किया जा चुका है। अब तक अनेक विश्वविद्यालयों एवं प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थानों में लगभग तीन सौ से अधिक हिंदी कार्यशालाओं तथा राजभाषा संगोष्ठियों में प्रायोगिक हिंदी, अनुवाद, यूनिकोड़, कंप्यूटर पर हिंदी भाषा प्रौद्योगिकी तथा हिंदी के ई-टूल्स आदि विषयों पर इन्होंने अपने सूचनापरक व्याख्यान प्रस्तुत किए हैं और इस क्षेत्र में एक ऊर्जावान युवा के रूप में अपनी छवि निर्मित की है। भारत सरकार के राजभाषा विभाग की राष्ट्रीय संगोष्ठियों के अतिरिक्त आकाशवाणी गोवा में विशिष्ट वक्ता के रूप में ये अनेक बार आमंत्रित किए जा चुके हैं। राजभाषा हिंदी के विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए इन्हें राजभाषा विभाग तथा अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। अपनी उद्यमशीलता और परिश्रम के चलते इन्हें सी.एस.आई.आर.-राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के द्वारा संस्थान के “स्थापना दिवस पुरस्कार” से भी पुरस्कृत किया गया है। जून 2011 में दक्षिण अफ्रीका एवं दुबई में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में अपने संस्थान का प्रतिनिधित्व ये कर चुके हैं । इन्होंने हिंदी के अनेक नाटकों तथा लघु नाटकों का लेखन, निर्देशन तथा मंचन का कार्य किया है। एक अच्छे व्यंग्यकार के रूप में भी इन्होंने पिछले एक दशक में अपनी पहचान बनाई है तथा हिंदी, अंग्रेजी और ओड़िया भाषा के अलावा संबलपुरी तथा हरियाणवी बोलियों में भी समानाधिकार रखते हैं। पिछले 10 वर्षों से राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान की हिंदी गृहपत्रिका "सागरबोध' के संपादन का कार्य कर रहे हैं और भाषा प्रौद्योगिकी के माध्यम से हिंदी भाषा के विकास के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं ।

नई सदी में हिंदी का बदलता परिदृश्य

डॉ. राकेश शर्मा

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प्रायोगिक हिंदी और विश्वग्राम में अनुवाद की भूमिका

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